अभी तक सिर्फ कल्पना होती रही है कि काश कोई ऐसी चीज आएं जिसे पहनकर जो मन में सोचे वो हो जाएं। माना कि ये नामुमकिन है लेकिन कुछ इसी तरह से जुडी हुई तकनीक जल्द ही दुनिया में आने वाली है। और ऐसा करने जा रही है फेसबुक। जी हां, फेसबुक ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है जिससे सिर्फ अपने दिमाग में सोचने से ही वो सब कुछ आपके सामने कम्प्यूटर पर टाइप हो जाएगा। इसे साइलेंट कम्युनिकेशन नाम दिया गया है!
पेश किया एआर चश्मा
रिपोटर्स के मुताबिक, फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी ओकुलस रिसर्च के प्रमुख वैज्ञानिक माइकल अब्रैश ने एआर चश्मा पेश किया, जिसे लगाने के बाद वास्तविक दुनिया की डिजिटल जानकारी मिल जाती हैं। इस मौके पर अब्रैश ने कहा कि ये चश्मा अगले 50 वर्षो में टेक्नोलाॅजी की दुनिया में एक महान परिवर्तनकारी होगा। इससे चश्में को पहनकर ही आप अपना हर कार्य पूरा कर सकोगे।
स्मार्टफोन की जगह हम स्टाइलिश चश्मा पहनेंगे
इस मौके पर अब्रैश ने कहा कि मैं भविष्यवाणी करता हूं कि हर जगह स्टाइलिश स्मार्टफोन ले जाने की जगह, हम स्टाइलिश चश्मा पहनाएंगे, और सब कुछ के बीच की पेशकश करेंगे और हम उन्हें पूरे दिन पहनेंगे और हमारे जीवन के लगभग सभी पहलुओं में उनका उपयोग करेंगे। एआर और वीआर के बीच का अंतर गायब हो जाएगा। असली और आभासी दुनिया हमारी जरूरतों के अनुसार पूरे दिन मिश्रण और मैच करेगी। आगामी बीस से 30 सालों में ऐसा संभव हो सकता है। और उसके बाद पूरी दुनिया में एक नया परिवर्तन देखने को मिलेगा।
क्रांतिकारी टेक्नोलॉजी से भरा होगा भविष्य
वही दूसरी तरफ फेसबुक के वाइस प्रेसिडेंट ऑफ इंजीनियरिंग एंड हेड ऑफ सीक्रेटिव ने बताया कि भविष्य क्रांतिकारी टेक्नोलॉजी से भरा हुआ है, जो हमें बिना टाइप किए लोगों से संवाद करने में सक्षम बनाएगी। फेसबुक में 60 लोगों की एक टीम इंसानी दिमाग द्वारा संचालित होने वाले कंप्यूटर इंटरफेस पर काम कर रही है।
100 शब्द प्रति मिनट की स्पीड से होगी टाइपिंग
यह सिस्टम यूजर की तंत्रिका गतिविधि को डीकोड कर 100 शब्द प्रति मिनट की स्पीड से टाइपिंग करने में सक्षम होगा। हम स्मार्टफोन पर जिस स्पीड से टाइप करते हैं, इससे पांच गुना तेजी से टाइप हो सकेगा। फेसबुक का कहना है कि यह टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन डिसऑर्डर की समस्या से जूझने वाले लोगों के लिए सहायक होगी।
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